नई दिल्ली: एसपी सिंह ओबरॉय ने कहा है कि उन्होंने 54 लोगों को फांसी पर लटकने से बचाया है। ओबरॉय वे हस्ती हैं जिन्होंने 17 भारतीयों की सजा माफ करवाई थी। जिन्हें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की एक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई ।

उनका कहना है कि उन्होंने केवल इन्हीं 17 भारतीयों की जान नहीं बचाई बल्कि अभी तक 54 लोगों को फांसी पर लटकने से बचा चुके हैं इसके अलावा कुछ मामले विचाराधीन हैं।

जिनमें से 17 लोग वापस स्वदेश लौट आए हैं और अपने परिवार वालों से मिल रहे हैं। इनमें से 16 पंजाब राज्य से संबंधित हैं जबकि एक पड़ोसी राज्य हरियाणा का है।

दो साल पहले दुबई की एक अदालत ने 17 लोगों को इनमें से एक पाकिस्तानी मिस्री खान का था, को दोषी पाए जाने पर मौत की सज़ा का फरमान सुनाया गया था, जिन्हें एसपी सिंह ने दस लाख डॉलर (यानी लगभग 5.3 करोड़ रुपए) मिस्री खान के परिवार को दिए।

उनका कहना है  कि जब मुझे इस बारे में अखबारों से पता चला, तो मैंने सोचा कि इन्हें बचाने का प्रयास करना चाहिए। मुझे पता चला कि अगर ब्लड मनी या मौत का मुआवज़ा पीडि़त परिवार को दे दिया जाए, तो वे उन्हें माफ कर सकता हैं। उन्हें बचाने का बस यही एक तरीका था।

मैंने मिस्री खान के परिवार से संपर्क साधा और जब यह जान गए कि ब्लड मनी देकर वे इन लोगों की जान बचा सकते हैं, तो इन्होंने इसे अपना मिशन बना लिया।

ओबरॉय बताते हैं, जब मैं दोषियों के परिवार वालों से मिला तो देखा कि इनमें से कुछ तो दो वक्त की रोटी भी नहीं जुटा पाते। मैंने उनका दुबई में आने का खर्च वहन किया, ताकि जेल और अदालत में वे अपने संबंधियों से मिल सकें।

ओबरॉय ने दुबई के अपने होटल में उनके रहने का भी इंतज़ाम किया। आखिर यह सब कुछ वे क्यों करते हैं? वे कहते हैं, यह कहना बहुत आसान है कि इंसानियत के नाते मैंने यह सब कुछ किया, लेकिन यह सवाल बड़ा मुश्किल है।

57 वर्षीय ओबरॉय पंजाब से नंगल में पैदा हुए और वहां पर उन्होंने एक इंजन मेकैनिक की ट्रेनिंग ली, लेकिन साल 1975 में वे जिंदगी में कुछ बड़ा करने के इरादे से वहां से बाहर चले आए। 1000 रुपए लेकर चले थे, उस समय उनके पिता ने उन्हें एक हज़ार रुपए दिए थे।